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मूड़ी का मूड जो बदला

suresh kumar guptasuresh kumar gupta March 30, 2023
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मूडी का मूड जब बदला जीडीपी हिला गया
जब तब हमारा बाज़ार उलटा सीधा कर गया

कभी आता वर्ल्ड बैंक कभी यूनिसेफ आता
पूंजीवाद की जड़े गहरी अपने लाभ गिनाता

हमें गरीब बता वह कुपोषित अनपढ़ बताता
सब बात का सार वो अपने चंगुल में फंसाता

लोन कभी ग्रांट्स देकर अपना निवेश बढ़ाता
महंगे साधन महंगे हथियार वो हमे बेच जाता

मुश्किल में जीते रहे हम गरीबी में लिपटे हुए
गरीब की थाली में छेदकर वो अमीरी दिखाता

दुनिया का चौधरी बनता वह हमें बनाता गया
कुए का पानी जहरी मिनरल वाटर शुद्ध हुआ

रीति नीति धंधा भूले अनीति शोषण सिखाता
धंधे का धर्म भूल जाए यह मूल मंत्र सिखाता

क्यों लुटे जाते कब अर्थव्यवस्था हमारी होगी
रूखी सुखी खाकर फिर उनकी धौंस न होगी

वैश्वीकरण की चकाचौंध से दूर देश मेरा होगा
देश आजाद होगा फिर सोने की चिड़िया होगा

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