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नया नया जोड़ा है नई सुलह नया प्यार
और इन्तजार गूंजे आंगन में किलकार
मुंह बाए खड़ी महंगाई या काम की मार
किसे खबर रहे होता नया नया खुमार
विसर्जन मिलन सर्जन सृष्टि का क्रम है
कौन छेद पाता है लम्हा तो आ जाता है
सर्जन था सृष्टि का लिए थे तोहफा हाथ
क्या खुशी थी मन में स्वसर्जन उपहार
माह भर बीता नही उसे भी जल्दी यार
गूंजी किलकारी मन सात आसमां पार
जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ
ध्येय एक लक्ष्य एक सपना है बुना हुआ
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