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मीरा की भक्ति

suresh kumar guptasuresh kumar gupta May 25, 2023
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बालमन से कृष्ण छवि बसी मन मे।
पतिरूप में कृष्ण से अलख जगाई।
साधु ने दी कृष्णमूर्ति घर में सजाई।
राणा कहते है लोकलाज नही आई।

बालपन से पिया तूने मोहे बिसराई।
कृष्ण भक्ति में मैं लोकलाज गुमाई।
गा गा सुनाती दुखड़ा रो रोकर गाती।
राणा कहते है लोकलाज नही आई।

भक्ति काल की देवी महावतार हुई।
सशरीर वो कृष्णमूर्ति में जा समाई।
जगत छोड़ कृष्णभक्ति में लीन हुई।
राणा कहते है लोकलाज नही आई।

सत्संग संत-दर्शन था कृष्ण-कीर्तन।
भक्ति रस में संसार असार कर गई।
विधवा थी अलौकिक प्रेम में समाई।
राणा कहते है लोकलाज नही आई।

#सुरेश_गुप्ता
स्वरचित

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