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खेलते रहे जल से

suresh kumar guptasuresh kumar gupta May 22, 2023
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प्राणिमात्र का जीवन आधार जल।
पेड़पौधे वनस्पति का जीवन जल।
हरीभरी धरती की शान रहे है वन।
खेलते रहे जल से क्या होगा कल।

प्रकृति ने मानव को बांटे संसाधन।
बेरहमी से क्यों बहा जाते है जल।
खो रही नदी खोते खेत खलियान।
कंक्रीट की दुनिया मे खो रहे वन।
 
अंधी दौड़ में है मानवता के दुश्मन।
नगरीकरण उद्योग बढ़ता प्रदूषण।
जनसंख्या वृद्धि कम हुए पेयजल।
बैठे जिस जहाज में खोद रहे तल।

ग्लोबल वार्मिंग पर खड़ी मानवता।
कारोबार होता रहा बोतलबंद जल।
जले धरती प्राणिमात्र जाएगा जल।
अगला महायुद्ध कारण होगा जल।

#सुरेश_गुप्ता
स्वरचित

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