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खबरे बदली संभावनाओं का खेल हुई
बदले दौर में खबरें अब खबरे रही नही
पहले खबरे तथ्य पर आधारित होती
आज खबरे भविष्य का अनुमान हुई
पहले सिर्फ खबर थी संक्षिप्त सत्य थी
सत्य पर बहस लेकिन घंटो चलने लगी
खबरे विसंगति की खबर लिया करती
आज खबरे विसंगति की दास्तान हुई
पूंजीवाद का दौर ऐसा क्या नही बिका
दौड़ में तो खबर बिकी या जमीर बिका
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