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काश हँसे होते तुम प्रिये

suresh kumar guptasuresh kumar gupta May 10, 2023
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रिमझिम वर्षा तनमन भीगो जाती
सुने से जीवन मे इक बहार आती
बिजली कड़कती बारिश हो जाती
काश हँसे होते तुम एक बार प्रिये

जब से उस ओर पीछे मुडके देखा
जिंदगी उस चौराहे पर खड़ा पाया
जीवन में बहार की झड़ी हुई होती 
काश हँसे होते तुम एक बार प्रिये

वे नही आ

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