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नन्हे नन्हे बच्चे है गर्मी की दुपहरिया
छूटते ही स्कूल से पहुंचे उस बगिया
मार्च का महीना लहलहाती कलियां
हरे पत्तों से झलक पड़ती थी अमिया
बचपन की मीठी याद वे कच्चे आम
चोरी-चोरी, चुपके-चुपके बचा नजर
डरते डरते घुसते लेकर मन मे खौफ
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