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जीवन अल्हड़ नदी सा अविरत बहते जाना
किधर राह कहाँ मंजिल राहे तलाशते जाना
राह में रोडे अगर आए थोड़ा ठिठक जाना
राह कोई न रोक पाए निरंतर चलते जाना
थोड़ा इधर थोडा उधर अग्रसर होते जाना
ध्येय में बढ़ना साथ बहे संग बहाते जाना
गम खुशियां बांटना सरल चलना इठलाना
घट कूप पोखर जो पडे राह में भरते जाना
बंजर भूमि से गुजरे हरा भरा बना जाना
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