जीवन अल्हड़ नदी सा's image
Poetry1 min read

जीवन अल्हड़ नदी सा

suresh kumar guptasuresh kumar gupta March 30, 2023
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes

जीवन अल्हड़ नदी सा अविरत बहते जाना
किधर राह कहाँ मंजिल राहे तलाशते जाना
 
राह में रोडे अगर आए थोड़ा ठिठक जाना
राह कोई न रोक पाए निरंतर चलते जाना
 
थोड़ा इधर थोडा उधर अग्रसर होते जाना
ध्येय में बढ़ना साथ बहे संग बहाते जाना
 
गम खुशियां बांटना सरल चलना इठलाना
घट कूप पोखर जो पडे राह में भरते जाना
 
बंजर भूमि से गुजरे हरा भरा बना जाना

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts