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नमो नमो इष्टदेव गुरुदेव,नतोऽहम् विद्या वरदायनी।
आशीष मिले हर शुभ कार्य मे, जगत्पति श्रीराम की।
हिन्दू धर्म के आधार स्तंभों में एक हुए प्रभु श्रीराम।
मर्यादा पुरुषोतम केवल वे कहलाये भगवान श्री राम।
मनुपुत्र इक्ष्वाकु के रघुकुल में अवतरित हुए श्री राम।
आदर्श चरित्र प्रस्तुत कर एक सूत्र में बांधा समाज।
भारत की कण कण में बसे, आत्मा है प्रभु श्रीराम ।
राम नाम अति सुंदर है, इसकी महिमा है अपरंपार।
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