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हरी मिर्ची का तड़का

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 12, 2023
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अंग्रेजी वर्णमाला में ए पहला आया
वह आप सबको टोपी पहनाता गया
पलटवार में टोपी वह सदन में लायी
ए की सम्पति कब देश की शान हुई

पीछे पीछे घूमता आगे निकल गया
मालिक बन उनको रिमोट बना गया
एजेंसियां खामोशी से सर झुका रही
वह शासन को शर्म शर्म बोलती गई

हरी मिर्ची का वह तड़का लगा गयी
अचानक मुंह का स्वाद बदल गया
बोलती लड्डू पेड़े खिला नही सकी
तकलीफ़ थी वह गुस्से से बोल रही

हर और सदन में आवाज उठने लगी 
कैसे महिला आदमी सा बोलने लगी
जिनका उससे कोई वास्ता नही रहा 
आज वो संस्कार की दुहाई देने लगे

सब चिल्लाते रहे कौन है उसके पीछे
मगर वो तो भागती रही सच के पीछे
वह तो बार बार आवाज़ उठाती रही
आप मगर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे

उठा सवाल आज कैसे ग्लोबल हुआ
 जाग जाओ विदेशो में डंक बज रहा
नाकामी आज सर चढ़ कर बोल रही
सटोरिया सर चढा तो चेहरा बचा रहे

फटे गुब्बारे में बार बार हवा भरता है
कैसे संभव था फुग्गा फिर फूल सके
वक्त है सब टोपी पहने तख्ती उठाते
काश मिलके गुब्बारे में हवा भर जाते

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