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गर्व था गली का गोलू फर्स्ट आया
गरीबो के बीच कोई चमक पाया
गरीब की खुशी किसे बर्दाश्त हुई
गोलू के पीछे वैश्विक शक्तियां पड़ी
गोलू के पीछे कुत्तो की टोली पड़ी
गोलू तो तेजी से फिसलता चला
उसे कौन हाथ पकड उबार पाता
गली में कोई तो इस लायक नही
गोलू आसमां की ऊंचाइयां छू रहा
काश गोलू औरो को आगे बढाता
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