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द्रोपदी की कसम

suresh kumar guptasuresh kumar gupta May 8, 2023
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अपने प्रयास में दुशासन नाकाम था
वह बाहुबली निरीह सा हुआ खड़ा 
दहाड़ उठी शेरनी सभा देखती रही
द्रोपदी के क्रोध का पारावार न रहा

दुष्ट तूने एक रानी को दासी समझा 
सत्ता में मदहोश तू होश ही खो बैठा
तेरे जीवन का अहंकार का अंजाम 
ये शासन के अंत का शंखनाद होगा

चुकाएगा कीमत बड़ी अपमान की
जिसे अपनो के लहू से धोना होगा
रक्तरंजित ये सिंहासन होकर रहेगा
नाम लेवा इस धरा पर न बचा होगा

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