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दोस्त तू मेरी जिंदगी में

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 12, 2023
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हे मेरे दोस्त कब हम करीब होंगे
अपनी दुनिया होगी  मिल बैठेंगे 
न लेने की न देने की चाह होगी 
पर एक दूजे पर हक जमा बैठेंगे

जब अकेलापन काटने दौडेगा
जीवन मे जब जब अकेले होंगे
ऐसे पलो में यह ख्वाहिश होगी
हे दोस्त करीब में ही बैठा होगा

तेरे सामने तो दिल खोल बैठेंगे
कंधे पर सिर रखकर भी रो लेंगे
डांट सकेंगे जब तब लड़ पड़ेंगे
जब चाहे तुझको कॉल कर लेंगे

खुलकर हँसेंगे ठहाके लगा लेंगे
घूम फिर लेंगे जब चाहे मिल लेंगे
मैसेज कर सलाह मशवरा करेंगे
रोते हंसते सुख दुःख बाँटते रहेंगे

किसे डर तू क्या सोचेगा कहेगा
बेझिझक मन की बाते कर लेंगे
इस बात की परवाह नही करेंगे
निःसंकोच तुझको सब बता देंगे

कोई कहे अब तक क्या कमाया
हमारे हिस्से में बस तू ही आया
आज भी वो पल याद आ जाता
हे दोस्त तू मेरी जिंदगी में आया

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