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धर्म की आग लगी दूर बस्ती में
क्या सोचा न पहुंचेगी आंगन में
हिंदू कहते जैन भी हिन्दू ही है
जैन कहते वे हिन्दू नही जैन है
अब हिन्दू आक्रोश जाग रहा है
निशाने पर जैनधर्म आने लगा है
अल्पसंख्यक का राग अलापते
और धर्म की आग न भांप सके
बौद्ध आज धर्म परिवर्तन करते
धर्म का खेल किस मुहाने पर है
पिछडो का संख्याबल धर्म होगा
तो देखना आवाज़ कैसे दब सके
सोचा था वे महफूज रह जाएंगे
आग का धर्म है पहुंचे घर घर मे
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