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गारंटी देकर कागज को नोट बनाया।
मुकरा तो आज नोट को चूर्ण बनाया।
वेतन लाइन में खड़ा मैं गश खा गया।
बॉस ने चुरणवाला नोट पकड़ा दिया।
बहुत हाथ पांव जोड़े काम न आया।
साहब ने बुला फिर डांटकर भगाया।
घर मे बीबी डांटती चुरण उठा लाया।
लंबी लिस्ट देकर बाजार मे भगाया।
नोट देख पंसारी ना में सिर हिलाया।
यहाँ वहाँ भागा कोई काम न आया।
थक हारकर बैंक में लाइन लगाया।
सुबह से खड़ा शाम को नंबर आया।
कैशियर कहे केश खत्म कल आना।
मेमो देकर बॉस डांटे कल कहां रहा।
#सुरेश_गुप्ता
स्वरचित
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