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नींद में सराबोर था गली में शोर हुआ।
बीबी ने झकझोरा उठाया और बोला।
जाओ कोलाहल क्यों है देख आओ।
पड़ोसी धर्म निभाओ लड़ भी जाओ।
आंखे मसलता हुआ खुद को टटोला।
निकर बनियान में ही मैं निकल पड़ा।
पड़ोसी चिल्ला रहे चोर पकड़ लिया।
बोला किधर कहे कमरे में बंद किया।
नही थी हिम्मत न कोई आगे बढ़ता।
न किसी ने देखा न कोई जान सका।
बोले कमरे में आहट हुई कुंडी लगाई।
आगे बढ़ के पड़ोसी ने पुलिस बुलाई।
पुलिस ने कमरा खोला कुत्ता निकला।
दरोगा जी का पारा आसमान पर था।
नींद में खलल पुलिस कार्य की बाधा।
सबको पकड़ हवालात में धर डाला।
#सुरेश_गुप्ता
स्वरचित
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