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हौंसले बुलंद थे दिखाते गए ख्वाब स्वर्ग के
चढ़ बैठे नाव में आज घिरे हुए थे तूफान में
जल्द शांत होगा चाय के प्याले में तूफान है
आल इज वेल में दस लाख करोड़ हवा हुए
इन्वेस्टर कई डूबते गए पार्टनर बेजार हो रहे
चक्रवात में धूल ऊपर उठ रही आसमान में
आप समझ बैठे चारो और फैला है हरा हरा
सावन के अंधे हरा हरा देखते रहे मरुवन में
कद बढा था मगर ऊंट पहाड़ के नीचे खड़ा
गहरे मुर्दा दफनाए कंकाल सन्मुख था खड़ा
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