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चाचा ये तोड़ कहां

suresh kumar guptasuresh kumar gupta March 12, 2023
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चाचा बादल गरज रहे मौसम करवट ले रहा
चाचा कुछ तो बोलो हम तुफानो में घिरे हुए

दशकों हमने नाव खेयी बरसो आप खे रहे
हम लहरों से लडते आप रास्ता बदलते रहे 

तूफान नही तोडे आपके हौंसले हम डर रहे
भंवर हमने कई देखे लड़ने का जज्बा रखे

रिश्ता चाचा भतीजे का उसे आज निभाओ
कूदो मैदान में पुराने दोस्त से प्रतिकार करो

अक्ल आप ताकत हम चाचा ये तोड़ कहां
बताओ कलेजा दो साथ चाचा ये उम्मीद है

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