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अखंड भारत बनाए

suresh kumar guptasuresh kumar gupta May 5, 2023
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जाति अलग धर्म अलग अलग खानपान है
कहीं आमद अधिक कहीं गरीबी का राज है 
मिल के सबको साथ लाए नई ज्योत जलाए
जिन घरों में छाए अंधेरा वहां रोशनी दे आए
 
बिखरी बिखरी धरती है बिखरी जिंदगियां है
फिर भी सब एक है आपस मे ऐसा प्यार है 
आओ आपस मे मिल बैठकर त्यौहार मनाए
खून का जन्म का रिश्ता ठोस रिश्ता बनाए
 
जब जब सुरक्षा आई खतरे में साथ लड़े सारे
मेरा भारत है महान है प्यार कम न होने पाए
तोड़फोड़ या बुलडोज़र से नही जोड़ पाएंगे
दिल से दिल जुड़ेगा प्यार का मरहम लगाए

धड़कनों में रवानी दिल से दिल का नाता है
आपसी सन्मान हो भाईचारा प्यार मिलाए
सांसे थम जाएगी प्यार की रवानी छाएगी
हर कसौटी पे परखो हमे ऐसा भारत बनाए

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