आज साम्राज्य ले उड़े's image
Poetry1 min read

आज साम्राज्य ले उड़े

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 12, 2023
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes


साम्राज्य था जनता के दिलों पर राज का
वे सत्ता हथिया गए अपना शौक मानकर

डुगडुगी पीटी जाती गली गली शोर हुआ
निकल पड़े ढूंढने साम्राज्य चोरी हो गया

दबे मुंह अफवाह उड़ी चूहे ज्यादा हो गए
कद क्या बढ़ा आज साम्राज्य उठा ले गए

हरकारे निकले पर कहीं खबर नही मिली
महाराज नींद में रहे चूहे साम्राज्य ले भागे

बैंक पीसीयू संस्थानों में छेद कुतर जाते 
उठाए जो आवाज़ ये सवाल कुतर जाते 

क्या अब चूहे सत्ता के बन छाते जा रहे 
आज नौकरी पैसा और जेब कुतर जाते 

लोकतंत्र और सविंधान के पन्ने कुतरते 
बच्चों के पेपर शिक्षा भविष्य कुतर जाते

क्या चूहों का कद भी इस कदर बढ़ गया
वे चाहेंगे तो क्या साम्राज्य उनका हो गया

इतिहास में वाकया ऐसा कभी नही हुआ
वे कुतरते रहे और आज साम्राज्य ले उड़े

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts