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होठो के हसी को ना समझ हक़ीकत-ए-जिंदंगी मेरी,
हम जिंदंगी की हक़ीकत अपने अंदर दवा रखे हैं,
तु आकर जरा मेरे दिल के अंदर झाँक,
हम सदियों से कितने जख्म दवा रखे हैं !
हम जिंदंगी की हक़ीकत अपने अंदर दवा रखे हैं,
तु आकर जरा मेरे दिल के अंदर झाँक,
हम सदियों से कितने जख्म दवा रखे हैं !
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