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हमें सपनों से नफ़रत थी
हम रात भर जागा कर ते थे
जब से तुमको देखा है
शाम को ही सो जाते हैं
:::::::::
रेगिस्तान सा दिल है मेरा
तू बादल बन के बरस जा
तेरी हर बूंद की इबादत करूंगा
तुझसे ए वादा करता हूं
:::::::::
सांस का तो पता नहीं
सीने में तू आति जाति ही
मेरा हर एक धड़कन
तेरा ही नाम लेता है
फिर भी जमाने से हाल-ए-दील
छिपाने का सिलसिला जारी है
रेत पे लिख के तेरा नाम
मिटा ने का सिलसिला जारी है
:::::::::
हर रोज तुझे एक खत लिख ता हूं
हर खत में तुझ से तेरा पता पूछ ता हूं
:::::::::
काश मेने कहदिया होता
और तुम ठुकरा दी होती
एक चिट्ठी जिसका जवाब न आया
मेरी तुम्हारे पास भी होती
मेने भी मजे लेलिया होता इजहार ए इश्क का
और ए दास्तां मशहूर तुम्हारे इनकार से होती
::::::::::
एक बीते दर्द की मिठास
आज भी सीने में है
तुझे पाने की आस
आज भी सीने में हैं
::::::::::
~जेडी
हम रात भर जागा कर ते थे
जब से तुमको देखा है
शाम को ही सो जाते हैं
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रेगिस्तान सा दिल है मेरा
तू बादल बन के बरस जा
तेरी हर बूंद की इबादत करूंगा
तुझसे ए वादा करता हूं
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सांस का तो पता नहीं
सीने में तू आति जाति ही
मेरा हर एक धड़कन
तेरा ही नाम लेता है
फिर भी जमाने से हाल-ए-दील
छिपाने का सिलसिला जारी है
रेत पे लिख के तेरा नाम
मिटा ने का सिलसिला जारी है
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हर रोज तुझे एक खत लिख ता हूं
हर खत में तुझ से तेरा पता पूछ ता हूं
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काश मेने कहदिया होता
और तुम ठुकरा दी होती
एक चिट्ठी जिसका जवाब न आया
मेरी तुम्हारे पास भी होती
मेने भी मजे लेलिया होता इजहार ए इश्क का
और ए दास्तां मशहूर तुम्हारे इनकार से होती
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एक बीते दर्द की मिठास
आज भी सीने में है
तुझे पाने की आस
आज भी सीने में हैं
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~जेडी
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