कुछ शेर - ३'s image
Poetry1 min read

कुछ शेर - ३

SirjdSirjd April 22, 2023
Share0 Bookmarks 43250 Reads1 Likes
हमें सपनों से नफ़रत थी
हम रात भर जागा कर ते थे
जब से तुमको देखा है
शाम को ही सो जाते हैं

:::::::::

रेगिस्तान सा दिल  है मेरा
तू बादल बन के बरस जा
तेरी हर बूंद की इबादत करूंगा 
तुझसे ए वादा करता हूं

:::::::::

सांस का तो पता नहीं
सीने में तू आति जाति ही

मेरा हर एक धड़कन
तेरा ही नाम लेता है 

फिर भी जमाने से हाल-ए-दील
छिपाने का सिलसिला जारी है

रेत पे लिख के तेरा नाम 
मिटा ने का सिलसिला जारी है 

:::::::::

हर रोज तुझे एक खत लिख ता हूं
हर खत में

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts