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कुछ लोग आए थे
मारा दर्द बांट ने
मुझे हसता हुआ देखे
तो रूठ के चले गए
::::::
तू थी हमदर्द उस दर्द का
जो तूने दी।
::::::
जब कभी में तन्हा महसूस करता हूं
तेरे दीए हुए जख्मों को खुरेद लेता हूं
::::::
ए अस्क से धुले हुए तेरे रुखसार कहते हैं
आज भी हम तुम्हें याद आते हैं
::::::
मेरे अस्क जो बिखरे पड़े हैं फर्स पर
सुख के जम जाएं तो तेरी तस्वीर बन जाए
:::::::
क्या नेहीं था जिंदगी में
सब कुछ तो था
बस थोड़ी गम की कमी थी
और तू ने पूरी कर दी
~जेडी
मारा दर्द बांट ने
मुझे हसता हुआ देखे
तो रूठ के चले गए
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तू थी हमदर्द उस दर्द का
जो तूने दी।
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जब कभी में तन्हा महसूस करता हूं
तेरे दीए हुए जख्मों को खुरेद लेता हूं
::::::
ए अस्क से धुले हुए तेरे रुखसार कहते हैं
आज भी हम तुम्हें याद आते हैं
::::::
मेरे अस्क जो बिखरे पड़े हैं फर्स पर
सुख के जम जाएं तो तेरी तस्वीर बन जाए
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क्या नेहीं था जिंदगी में
सब कुछ तो था
बस थोड़ी गम की कमी थी
और तू ने पूरी कर दी
~जेडी
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