नदी's image
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नदी, तुमने क्यूं नहीं छोड़ा ये रास्ता 

पहाड़ों के बगल में भी जगह थी

कितना वक्त खोया है तुमने इस जिरह में 

समंदर से भी तुम तब मिल न पाई

क्या तुम्हारे जिद की ये कीमत सही थी ?

शायद, तुम्हारा रास्ता ही सही था

अगर तुम उस समय जो बदल जाती

तुम्हारी इतनी बड़ी हस्ती न होती

इक पत्थर भी तुमको रोक दे

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