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Kumar VishwasPoetry1 min read

विफलता के आगे

Singh jiSingh ji April 1, 2023
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जाना कहाँ ? रस्ता तो है ,हालत थोड़ी खस्ता तो है

नाकामयाबी का भी डर,पर चल पड़ेंगे आह भर

कहने वाले कई मिलेंगे ,सुनने वाले कम मिलेंगे

तपेगी तन चमड़ी भी,ना पास होगी दमड़ी भी

पर ढोलकी अंदाज से और फकीरी आगाज से

इस राह मे खुद को पुकारा और चले

खुद ही बने खुद का सहारा और चले

बाकी बची जो, साख को मुट्ठी समेटे,

वि

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