
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
सवाल अक्सर दूसरों पे,
खुद की गलतियां छिपाई जाती है !
स्वयं को साबित सही करे,
बस वही कहानियां सुनाई जाती है !
ना बंदा कुदरत रब से डरे,
सरेआम झूठी दी दुहाई जाती है !
किस पे कोई भरोसा करे,
यहां सुन के वहां बताई जाती है !
दिखे ना बदलाव अपने आप में,
अक्सर दुनिया बदलती दिखाई जाती है..!!
खुद की गलतियां छिपाई जाती है !
स्वयं को साबित सही करे,
बस वही कहानियां सुनाई जाती है !
ना बंदा कुदरत रब से डरे,
सरेआम झूठी दी दुहाई जाती है !
किस पे कोई भरोसा करे,
यहां सुन के वहां बताई जाती है !
दिखे ना बदलाव अपने आप में,
अक्सर दुनिया बदलती दिखाई जाती है..!!
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments