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तुम्हें महीनों रोने के बाद
जब एक दिन सूख गयीं मेरी आँखें
तब मुझे एहसास हुआ कि
कैसे सूखी होगी सरस्वती नदी
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जब एक दिन सूख गयीं मेरी आँखें
तब मुझे एहसास हुआ कि
कैसे सूखी होगी सरस्वती नदी
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