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श्रृंगार !!
जाने क्यूँ
मेरा श्रृंगार अधूरा लगता है
मेरे बालों में गज़रा है मांग में सिन्दूर है
माथे पे बिंदिया, आँखों में काजल है
नाक में नथ, कानों में बाली है
हाथों में कंगन और पैरों में पायल है!
सब कुछ तो है, पर फिर भी ऐसा क्यूँ लगता है
के कुछ तो कमी है!!
जाने ऐसा क्यूँ लगता है
के जो कमाल उनकी एक नज़र करती है
उसके आगे ये सारे श्रृंगार फीके पड़ते हैं !
वो उनका छुप छुप के देखना
और बातों बातों में ब
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