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एक सवाल एक गुज़ारिश!!

shweta kumarishweta kumari May 2, 2023
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चाहने वालों की भी हिमाक़त देखो.. 

सवाल भी करते हैंऔर जवाब भी नहीं सुनते 

ख्वाहिश अपनी रखते हैं और गुज़ारिश का नाम देते हैं 


सवाल करते हैं -


क्यूँ हर दफ़ा बीते यार की ही कहानी लिखते हो  ?

क्यूँ हर वक्त टूटे दिल के तार बुनते हो ?

क्यूँ हर दफ़ा दर्द--दिल की ही रवानी लिखते हो?


क्यूँ भूलते नहीं तुमउनकी पुरानी यादों को ? 

क्यूँ बहलाते नहीं तुमसूने में अपने अंतर्मन को ?

उन लम्हों मेंचंद वादोंइरादों के सिवायआख़िर रखा क्या है

क्यूँ दफ़नाते नहीं तुमउनके दिय एहसासों को ?? 


और खाहिश कैसे जाहिर करते हैं देखो :


एक बार के लिए ही सहीतम्मन्ना हमारी भी सुनो ,

अर्रेजो हर रोज़ सताएउन्हें ज़रा किनारा तो करो 

हमारा दिल रखने के लिए ही सहीकोई इशारा तो करो॥


कि दिल के मोहल्ले मेंदीदार तुम्हारा भी हो

ख्वाहिश इतनी ही रखते हैं 

नज़र भर तुम्हें देखेंगुज़ारिश इतनी ही करते हैं 

किसी शाम महफ़िल हमारी भी सजेदुआ इतनी ही करते हैं  

और एक दिन ऐसा भी आए 

हमारी ख्वाहिश भी जायज़ लगे 

इल्तज़ा बस इतनी ही करते हैं 


-Shweta


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