
Share0 Bookmarks 26 Reads1 Likes
बातों ही बातों में..
बातों ही बातों में
यूँ ही मुलाकातों में
बात हुई कुछ उनसे
दिल्लगी की रातों में !!
भूले थे हम भी खुद को,
भूले थे वो भी खुद को
जाने अनजाने में,
जब कहा था "तुम हो हमारे" !
साक्षी बने थे,
ये आसमाँ के चाँद सितारे !!
बातों ही बातों में
यूँ ही मुलाकातों में!!
आँखों में आँखें डाल
बाहों में भर के, जब कहा था मुझसे
दुल्हन बनाऊंगा,
हाथों में मेहंदी, तुम्हारी सजाऊंगा !!
साक्षी बने थे ये
मेरे आँगन के बाग़ - बगीचे !!
बातों ही बातों में
यूँ ही मुलाकातों में !!
हाथों में हाँथ लिए
जब वादे किए थे कई !
हँसने-हँसाने की,रूठने-मानाने की ,
पहाड़ों पे कहीं दूर आशियाँ बनाने की !
साक्षी बने थे तब ये
मेरे बगिया के फूल और तितली !!
बातों ही बातों में
यूँ ही मुलाकातों में !!
-Shweta
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments