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इतनी हसीं है ये जिंदगी इसको कश में ना उड़ाया करो चलो मेरे साथ खुले आसमां में अपनी दास्तां लिखते हैं बुनते हैं सपनों चादर जिसे ओढ़कर तुम और मैं चांद की गोद में सोते हैं..!
श्वेता मिश्रा
श्वेता मिश्रा
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