बचपन's image
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 मै एक छोटी सी बच्ची थी,
कुछ प्यारी सी,भोली सी
खेलती गुड़ियों से थी,
ना किसी की फिक्र
चोटी सी मेरी दुनिया,
जिसमें न आंसू,ना बेबसी।
कुछ था तो सिर्फ प्यार,
मां का मेरे लिए 
मेरा मेरी गुड़ियों के लिऐ।
ना जिम्मेदारी,ना दुनियादारी,
सोचा नहीं था
कभी बड़ी हो जाऊंगी।
फिर बाबा मुझे विदा कर द

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