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तुम बांध नर्मदा का, मैं नीर बन जाता।
तुम लहर बन जाते, मैं समीर बन जाता।।
हाँ तुम बन गए थे, रण कुरुक्षेत्र का।
काश, मैं कृष्ण रूप विराट बन जाता।।
~Raag
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