विराट बन जाता's image
Poetry1 min read

विराट बन जाता

Shubham KanungoShubham Kanungo May 2, 2023
Share0 Bookmarks 0 Reads1 Likes
तुम बांध नर्मदा का, मैं नीर बन जाता।
तुम लहर बन जाते, मैं समीर बन जाता।। 

हाँ तुम बन गए थे, रण कुरुक्षेत्र का।
काश, मैं कृष्ण रूप विराट बन जाता।।

~Raag

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts