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मेरी माँ मुझे जग से प्यारी।
माँ ने ही तो मेरी जिंदगी सँवारी।।
माँ ने इस लाडले बेटे को ,
मुंह का निवाला निकाल कर दिया।
जिंदगी का हर सुख कुर्बान किया।।
मैं जब भी देर- सवेर होता हूं,
माँ की तड़प, सीमा लांघ जाती है।
और जब घर जाता हूं,
माँ की आंखें चमक जाती है।
जब-जब भी उनको देखता हूं,
हर इक पल मेरी फिक्र में मिलती है।
जब भी घर से बाहर,
सोने-खाने- नहाने का जिक्र होता है।
मुझे माँ की याद सता जाती है,
यही तो वजह उनकी मीठी झिड़कियों की होती है।
माँ की आंखें पढ़ने में माहिर है,
उन्हे
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