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तुम अतीत नहीं हो माँ ~संजय कवि 'श्रीश्री'

Shri ShriShri Shri May 9, 2022
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निःसंदेह 'भविष्य' हूँ मैं,

किन्तु तुम अतीत नहीं हो माँ!

तुम्हारे ही प्राण से सिंचित,

सदा गूंजेंगे स्वर मेरे;

पु

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