जय पर अनंत विश्वास रहे ~संजय कवि 'श्रीश्री''s image
Poetry1 min read

जय पर अनंत विश्वास रहे ~संजय कवि 'श्रीश्री'

Shri ShriShri Shri July 2, 2022
Share0 Bookmarks 268 Reads0 Likes

इतिहास प्रमाणित करता है,

समर यहां कब सरल रहा;

उगल चुके हैं सब अपना,

जिसमें जितना गरल रहा।

जो होता है सब अच्छा है,

शत्रु मित्र पहचान लिए;

ये राजनीति का

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts