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June 19, 2022
#Happy Father's day @मेरे पूज्य 'बाबू' आँखों में नमी सी है ~संजय कवि 'श्रीश्री'

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#Happy Father's day
@मेरे पूज्य 'बाबू'
आँखों में नमी सी है ~संजय कवि 'श्रीश्री'
मुझे याद है,
मेरा हँसता हुआ मुख;
उनकी धुंधली आँखों की चमक,
उनका अदभुत सुख।
मेरी हार पर,
उनका साहस बढ़ाना;
जीत की,
नई युक्ति सुझाना।
खाली होते थे तो भी,
जीवंत थे मेरे जन्मदाता के हाथ;
और अब कितना निष्प्राण है,
ये जग का साथ।
जब वो थे तो मैं खुश था,
आज नहीं हैं तो आँखों में नमी सी है;
तिरस्कृत हूँ मैं,
प्रेम, स्नेह, अनुराग की कमी सी है।
~संजय कवि 'श्रीश्री'
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