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तुम्हारी बेबाक ज़ुल्फों की,
अठखेलियां देखने के लिए ,
उन्हें उस हंसी मंजर पर,
पहुंचाने के लिए,
हमेशा चलाता रहुं ,
वो मेट्रो,
जिसके इंतजार में तुम खड़ी हो,
उसे कभी रुकने न दूं।
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