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मन मे आज भी एक कशिश रहती है

शिव अकेलाशिव अकेला January 21, 2022
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मन मे आज भी एक कशिश रहती है
तुमसे मिलने की हर वक्त कोशिश रहती है।

भूल जाने में भी यादें गहरी हो जाती है
भूलने में याद आने की गुंजाइश रहती है

ख़यालों से वो कहां निकलते हैं यूं हीं
इसमें भी उनकी कोई

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