बचपन की वो हंसी's image
Poetry1 min read

बचपन की वो हंसी

Shivani JhalaShivani Jhala March 12, 2022
Share0 Bookmarks 48142 Reads0 Likes
टेम्पो में बेठे वो तीन बच्चे
देते हैं अल्हड़पन की निशानी खुद में 
सिखना है कुछ तो सिखों उस बचपने से
जो जीते हैं जिन्दगी बेपरवाह
पर सोचती हूं...........…
ख्वाबों से तो नहीं होंगे वो भी अजनबी
देखते होंगे वो भी ख्वाब ...

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts