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मेरी धड़कन को थोड़ा आराम तो दो,
है प्यार अगर तो अंजाम तो दो।
हो गए है सारे ख्वाब बेघर मेरे,
मेरी हसरतों को कोई मकान तो दो।
दिन भर हमे तेरी चाहत रहती है,
हो गए है नाकाम, हमें कोई काम तो दो।
सूरज तो रोज यू ही ढलता है,
तुम्हारे साथ बीते ऐसी कोई शाम तो दो।
मेरी मोहब्त देख मुझे सब पागल कहते है,
मेरी मोहब्बत को कोई इनाम तो दो।
छूप छुप कर यूहीं कब तक हमे चाहोगे,
आज कोई फरमान सरेआम तो दो।
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