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प्रकृति मेरे साथ गमगीन हो रही है ये नहीं पता था।
पता ये नहीं था कि आसमां भी मेरी बातों को समझ रहे हैं।
खौफ था तो बस उन चंद दिनों का जो मुझे आजमाने को पूरी कड़ी के साथ तैयार थी।

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