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खुद के साथ रहना भी एक कला है, कई बार हमारा एकांत ही हमे सही मार्गदर्शन देता है, और अपने एकांत को बचा लेने में ही हमारी भलाई है।
,इन दिनों जब खुद के साथ रह रही हूं, तो वाकई ऐसा लगता है कि कुछ दूरी थी मन और आत्मा के बीच, जो धीरे धीरे कम होती जा रही है.... खुद के संग रहने में वाकई सकारात्मक परिणाम मिलते हैं
©शिल्पा शैली(स्वरचित पंक्तियां)
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