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कोई नहीं समझता यहाँ
किसी के दर्द को, तकलीफ को,
सब यहाँ पे वंचित है,
कोई नहीं समझता यहाँ
किसी के प्यार को, दुलार को,
सब यहाँ पे वंचित है,
कोई किसी को समझाता नहीं यहाँ
इज्जत करने को, आदर करने को,
सब यहाँ पे वंचित है,
कोई नहीं सींचता है
प्रेम से , त्याग से ,
सींच जो दे प्रेम से
दर्द कम हो जाएगा,
तकलीफ दूर हो जाएगा,
दे अगर कोई साथ तो
प्यार भी मिल जाएगा,
दुलारा वो हो जाएगा,
हाथ थामकर उसे
सीखा दे कोई तो इज्जत करना,
आदर्श वो बन जायेगा ।
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