रूठ गई खुशियां's image
Poetry1 min read

रूठ गई खुशियां

shikha Singhshikha Singh October 1, 2021
Share0 Bookmarks 89 Reads1 Likes

ये जरूरी नहीं कि जिनकी जिंदगी में खुशियां होती है वो दुखी नहीं हो सकते,

जिंदगी में हर बार नसीब हमारा साथ नहीं देती,

खुशियां अक्सर दरवाजे तक आकर भी लौट जाती है,

चाहते मजबूरी में छूट जाती है,

जिंदगी खुद ही से रूठ जाती है ।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts