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आज चांद भी अकेला है और हम भी अकेले बैठे हैं,
आंखो से नींद ओझल है मन बहुत ही बोझिल है ।
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आज चांद भी अकेला है और हम भी अकेले बैठे हैं,
आंखो से नींद ओझल है मन बहुत ही बोझिल है ।
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