
मैं नींद हूँ ।
मेरा काम है लोगो को सुलाना ।
मेरा क्या मेरे पूरे खानदान का यही काम है और इसके अलावा हमे कुछ आता भी नही है ।
मैं हर इंसान के लिए बहुत खास हूँ । हर कोई मुझे पाना चाहता है । कभी-कभी मैं लोगो पे मेहरबान हो जाती हूँ तो कभी-कभी किसी को बहुत परेशान भी करती हूँ ।
आज मैं आपको ऐसे ही एक खास इंसान की दास्तां सुनाती हूँ ।
तृप्ति एक मनचली सी लड़की है जो कुछ दिनो से रात को देर तक जागती रहती है मुझे वजह की माल़मात नही ।
हो सकता है कुछ काम हो मगर जब मैं आती हूँ उसके दरवाजे पे तो वो मुझे भाव ही नही देती । मैं बार-बार उसे सुलाने की कोशिश करती और वो जिद्दी लड़की जाकर अपने चेहरे को पानी से धो लेती ।
उसे मेरी कमजोरी पता है कि मैं पानी से डरती हूँ । मेरा उसे इतना परेशान करने के बाद भी जब वो नही सोती है तो मैं भी उससे रूठ जाती हूँ । मगर वो कितनी चालाक है जब उसके सारे काम निपट जाते तो वो एक अखबार लेकर बैठ जाती । उसे ऐसे देखकर मुझे उसपर दया आ जाती है, कितनी मासूम लड़की है चलो माफ कर देते हैं इसे और मैं उसकी आँखो में विराजित हो जाती ।
अब देखो तो देर से सोने के बाद भी इसे जल्दी जागना है मगर मैं भी कम जिद्दी नही हूँ । अरे जब इसे सुबह-सुबह कोई काम ही नही करना है तो ये सुबह-सुबह क्यों जाग जाती है । इसके जल्दी जागने से मेरी कमाई पर भी तो असर पड़ता है । हमारे यहाँ का नियम है जो जितनी देर तक एक इंसान को सुलाए रखेगा उसे उसी समयानुसार कीमत अदा की जाती है और एक ये है जो मुझे कमाई का अवसर ही नही देती है इसलिए इसके लिए मैंने एक चक्रव्यूह तैयार किया है । अब जब ये सुबह जागती है तो मैं इसे जागने ही नही देती हूँ वो कितनी भी कोशिश करती है आँखे खुलती ही नही है । मगर वो भी कम जिद्दी नही है खुद को जगाने के लिए वो मुझे डराती है आँखो पे पानी के छींटे मारती है ।कुछ वक्त के लिए तो मैं गायब हो जाती हूँ मगर फिर जैसे ही उसे खाली बैठे देखती हूँ तो उसके आँखो में नींद के बादल उमड़ा
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