
Share0 Bookmarks 42 Reads1 Likes
हमारी नजर उन पे थी
वो पलकें झुकाएं बैठे थे
फिर नजरें टकराई वो शरमायी
फिजा में अब भी खामोशी थी
पर धड़कनो में मच गया शोर था
वन में नाचे जैसे मोर था ।
- शिखा सिंह
No posts
No posts
No posts
No posts
हमारी नजर उन पे थी
वो पलकें झुकाएं बैठे थे
फिर नजरें टकराई वो शरमायी
फिजा में अब भी खामोशी थी
पर धड़कनो में मच गया शोर था
वन में नाचे जैसे मोर था ।
- शिखा सिंह
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments