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कैसे पाऊंगा

Shikha SinghShikha Singh January 15, 2023
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 भोली सी है सूरत तेरी
आंखों में है ख्वाब कई
दिल में तेरे दर्द बहुत है
खुद में रखे कैद सभी
मुस्काती तुम ऐसी हो
जैसे कोई नदी बहती हो
कभी चंचल तो कभी शांत हो
इसलिए तुम खास हो
बोली तेरी इतनी मीठी
शक्कर भी कम पड़ती है
गुस्सा तेरा इतना तीखा
मिर्च भी इसके

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