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जिंदगी कब किसे कहां मिला देगी किसे पता होता है,
ऐसा ही कुछ हो गया है,
जिंदगी ने एक मौजशां किया
मुझे उनसे मिला दिया,
ऐसा लगा जैसे अच्छे कर्मों का फल मिल गया,
उनके किरदार से मेरा किरदार मिल गया,
आईने में खुद ही का अक्स दिख गया ।
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